अधूरी कहानी
*विधा- कहानी*
*विषय -अधूरी कहानी*
कियारा और कुणाल एक ही विद्यालय में पढ़ते थे। वे दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। धीरे-धीरे उन्हें एक दूसरे से प्यार होने लगा ।जब कियारा को डांट पड़ती तो कुणाल को बहुत गुस्सा आता और वहीं दूसरी तरफ यही हाल कियारा का भी था । अगर कोई कुणाल गलती से भी कुछ कह दे तो कियारा गुस्से से आग बबूला हो जाया करती थी। उनके कक्षा के विद्यार्थियों को भी यह बात किसी तरह पता चल गई। अब तो कक्षा के सारे विद्यार्थी कियारा और कुणाल को एक दूसरे के नाम से चिढ़ाया करते थे। जब कोई कियारा को कुणाल के नाम से चिढ़ाता तो वह बहुत गुस्सा होती पर मन ही मन उसे खुशी भी होती। ऐसे ही साल पर साल गुजरते गए पर दोनों में से किसी की हिम्मत नहीं हुई कि एक -दूसरे से अपने दिल की बात कह सकें। देखते ही देखते विद्यालय का आखिरी दिन भी आ गया। उस दिन कियारा और कुणाल बहुत दुखी थे क्योंकि उन्हें लगा कि अब वे कभी नहीं मिल पाएंगे। उस दिन दोनों एक दूसरे को जाते हुए देखकर रो रहे थे और पछता भी रहे थे कि उन्होंने अपने दिल की बात एक -दूसरे को क्यों नहीं बताई। फिर दोनों ने अलग-अलग कॉलेज में एडमिशन ले लिया क्योंकि कुणाल को डॉक्टर बनना था और कियारा सी.ए.बनना चाहती थी। कुणाल दूर होकर भी कियारा को बहुत याद करता था पर उसके पास कियारा का कोई फोन नंबर भी नहीं था इसलिए वह उससे कभी बात नहीं कर पाया। उसने कियारा को भूल कर आगे बढ़ने का फैसला लिया । उसे डॉक्टर भी बनना था इसलिए उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा किया। कियारा भी कुणाल को बहुत याद करती थी पर वह भी उससे कभी नहीं मिल पाई। उसने भी कुणाल को भूलकर आगे बढ़ने का फैसला लिया और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और सीए बनने का अपना सपना पूरा किया। इस तरह कियारा और कुणाल को अपना प्यार तो नहीं मिला पर उनकी प्रेम- कहानी अधूरी होकर भी सार्थक हो गई क्योंकि उन्होंने अपने सपनों को पा लिया था।
Mohammed urooj khan
24-Apr-2024 11:20 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
Reply